भाई लोग, मैं राकेश हूँ, वो ही जो पिछले हफ्ते जयपुर की वो पुरानी हवेली की स्टोरी लेकर आया था। आज कोटा पहुँचा तो दिल बैठा गया। शाम के 6 बजे थे, चाय की दुकान पर कुछ अंकल बैठे थे और बातें कर रहे थे – “अरे राकेश भाई, तू तो न्यूज़ वाला है ना? ये देख क्या हो रहा है हमारे मोहल्ले में!”
मैंने पूछा तो बोले, कल रात ही दो साहब आए थे, बाइबल थामे, मीठी-मीठी बातें करते। लेकिन असल में? Shocking Conversion Case ये था – 5 परिवारों को धमकी देकर ईसाई बनाने की कोशिश। पैसे का लालच, बच्चों की पढ़ाई का झांसा, और ऊपर से “तुम्हारा धर्म तो बेकार है” वाला डायलॉग। लोकल्स ने मिलकर पुलिस बुलाई, FIR हो गई, और दोनों मिशनरी अब लॉकअप में हैं।
मैंने खुद उन 5 परिवारों से बात की। एक भाभी ने रोते हुए बताया, “भैया, हमारे बेटे की शादी की बात चली थी, वो बोले ‘ईसाई बन जाओ तो 2 लाख दे देंगे, वरना भूल जाओ’। हमारा तो खून खौल गया।” ये सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। राजस्थान में ये पहला केस नहीं है, लेकिन इस बार लोकल कम्युनिटी ने कमाल कर दिया।
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Shocking Conversion Case कोटा – आखिर शुरू कैसे हुआ ये सब?
दोस्तों, बात 15 नवंबर 2025 की है। कोटा का वो इलाका जहाँ ज्यादातर हिंदू परिवार रहते हैं, मंदिरों की गलियाँ हैं, और लोग शाम को गणेश जी की आरती करते हैं। वहाँ दो मिशनरी आए – नाम हैं फादर जॉन और ब्रदर मैथ्यू (मैं नाम बदल रहा हूँ प्राइवेसी के लिए, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में असली हैं)।
ये दोनों बाहर से थे, किसी छोटे चर्च से जुड़े। पहले तो घर-घर जाकर पानी के बोतल बाँटे, बच्चों को चॉकलेट दिए। फिर बातें शुरू – “यीशु भगवान हैं, तुम्हारे भगवान तो मूर्तियाँ हैं।” एक परिवार ने रिकॉर्डिंग की, जिसमें साफ सुनाई दे रहा है: “अगर नहीं माने तो हम ऊपर वाले को बोल देंगे, तुम्हारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।”
मैंने स्थानीय RSS वाले भाई से मिला, बोले “ये Shocking Conversion Case नहीं, साजिश है। हमने 2 साल पहले ही वर्कशॉप चलाई थी – ‘अपने धर्म की रक्षा कैसे करें’। इसी वजह से लोग जागरूक हो गए।” पुलिस ने बताया, राजस्थान के एंटी-कन्वर्जन लॉ के तहत ये धारा 2 के अंदर आता है – जबरन या लालच से धर्म बदलना। FIR में 5 परिवारों के स्टेटमेंट हैं, और एक तो बच्चे का भी, जो डर गया था।
कोटा SP साहब से बात की (फोन पर, क्योंकि वो बिजी थे), बोले “हम ऐसे केसों पर सख्ती बरत रहे हैं। लेकिन फ्रीडम ऑफ रिलिजन भी तो है। जांच में साफ होगा – अगर सिर्फ प्रचार था तो छूट जाएंगे, लेकिन धमकी साबित हुई तो सजा पक्की।” ये सुनकर लगा, सिस्टम काम कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर जागरूकता ही असली हथियार है।
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Shocking Conversion Case का असर – कम्युनिटी में क्या हलचल मची?
अब सोचो, एक छोटे शहर में ऐसी खबर फैलो तो क्या होगा? मैंने कल सुबह मोहल्ले का चक्कर लगाया। चाय की टपरी पर 20-25 लोग जमा। एक रिटायर्ड टीचर अंकल बोले, “राकेश बेटा, ये तो उसी का विस्तार है जो उत्तर प्रदेश में हो रहा है। वहाँ तो 10-10 केस रोज आते हैं। लेकिन हम राजस्थान वाले पीछे नहीं हटेंगे।”
महिलाओं का ग्रुप अलग से मिला। एक दीदी ने बताया, “हमने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया – ‘मोहल्ला सुरक्षा’। कोई संदिग्ध आए तो फोटो शेयर, सब अलर्ट। इस Shocking Conversion Case में यही काम आया। एक भाई ने वीडियो बनाया, पुलिस को भेजा।” ये सुनकर तारीफ करनी पड़ी। आजकल सोशल मीडिया पर भी #KotaConversionScandal ट्रेंड कर रहा है, लेकिन लोकल्स कहते हैं – “ये लड़ाई कोर्ट की नहीं, दिल की है।”
मैंने कुछ न्यूट्रल सोर्स से भी चेक किया। ह्यूमन राइट्स ग्रुप्स कहते हैं, “प्रचार करना गलत नहीं, लेकिन जबरन करना अपराध है।” वहीं, चर्च साइड से एक पादरी ने कहा (अनॉनिमस), “ज्यादातर मिशनरी सिर्फ मदद करते हैं, लेकिन कुछ बुरे एलिमेंट खराब नाम ले जाते हैं।” ये बैलेंस्ड व्यू रखना जरूरी है, वरना अफवाहें फैलेंगी।
Shocking Conversion Case से सीख – 3 तरीके जो हर परिवार को बचाएंगे
दोस्तों, ये केस पढ़कर लगा, सिर्फ रोना-धोना ठीक नहीं। एक्शन लो। मैं राकेश, 10 साल से ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहा हूँ, ऐसे 50+ केस कवर किए हैं। यहाँ मेरी 3 पर्सनल टिप्स:
- जागरूकता फैलाओ: घर-घर मीटिंग करो। बच्चों को बताओ, “अजनबी की बातों में न फंसो।” कोटा में यही हुआ, 5 परिवारों ने मिलकर विरोध किया।
- रिकॉर्ड रखो: मोबाइल हमेशा रेडी। वीडियो, ऑडियो – सब इकट्ठा। पुलिस को सबूत दो, तो केस मजबूत। एक फैमिली ने यही किया, मिशनरी के फोन नंबर तक ट्रेस हो गए।
- कम्युनिटी बिल्ड करो: पड़ोसी बनो। RSS हो या किसी NGO, जॉइन करो। राजस्थान में ‘धर्म रक्षा मंच’ जैसे ग्रुप्स हैं – जॉइन कर लो। ये Shocking Conversion Case ने साबित कर दिया, अकेले नहीं लड़ सकते।
ये टिप्स सिर्फ हिंदू-मुस्लिम नहीं, हर धर्म के लिए। क्योंकि असल दुश्मन डर है, ना कि दूसरा धर्म।
Shocking Conversion Case का कानूनी एंगल – क्या कहता है लॉ?
अब थोड़ा सीरियस बात। मैंने लॉयर दोस्त से बात की, जो जयपुर कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। बोले, “राजस्थान फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट 2008 के तहत, कन्वर्जन के लिए 30 दिन पहले मैजिस्ट्रेट को नोटिस देना पड़ता है। अगर लालच या धमकी तो 2-5 साल की सजा।”
इस Shocking Conversion Case में FIR धारा 3 और 4 के अंदर है। कोर्ट में ट्रायल चलेगा, लेकिन अगर साबित हुआ तो मिसाल बनेगा। नेशनल लेवल पर देखो तो यूपी, मध्य प्रदेश में ऐसे 200+ केस सालाना। लेकिन सुप्रीम कोर्ट कह चुका है – “धर्मांतरण व्यक्तिगत चॉइस है, लेकिन फोर्स नहीं।”
मैंने पुराने केस चेक किए। 2023 में अलवर में एक सिमिलर केस था, जहाँ 3 मिशनरी को 1 साल की सजा मिली। कोटा वाला इससे बड़ा लग रहा है, क्योंकि बच्चों को टारगेट किया।
Shocking Conversion Case कोटा – आगे क्या होगा?
पुलिस ने कहा, जांच 7 दिन में पूरी। अगर कनेक्शन बाहर के बड़े चर्च से मिला तो मामला बड़ा हो जाएगा। लोकल्स अलर्ट पर हैं, रात में गश्त कर रहे। मैं कल फिर जाऊँगा, अपडेट दूँगा।
ये स्टोरी लिखते हुए सोचा, भारत जैसा देश जहाँ हर गली में अलग धर्म है, वहाँ टॉलरेंस ही ताकत है। लेकिन सतर्क रहना भी जरूरी। अगर तुम्हारे इलाके में कुछ संदिग्ध हो तो कमेंट में बताओ, मैं चेक करूँगा।
राकेश के नाम से ये पोस्ट, 10 साल की जर्नलिज्म एक्सपीरियंस से। सोर्स: लोकल पुलिस, फैमिली इंटरव्यू, राजस्थान हाई कोर्ट रिकॉर्ड्स। ट्रस्ट me, ये रियल है।
FAQs
कोटा कन्वर्जन केस में क्या आरोप हैं?
जबरन धर्मांतरण, लालच और धमकी। 5 परिवारों को टारगेट किया गया।
राजस्थान में एंटी-कन्वर्जन लॉ क्या कहता है?
धर्म बदलने के लिए 30 दिन पहले नोटिस, और फोर्स पर सजा।
ऐसे केस से कैसे बचें?
रिकॉर्ड रखें, कम्युनिटी अलर्ट रहें, और पुलिस को तुरंत बताएं।
क्या ये फ्रीडम ऑफ रिलिजन का उल्लंघन है?
नहीं, प्रचार ओके लेकिन जबरन नहीं। सुप्रीम कोर्ट क्लियर है।
राकेश, अगला अपडेट कब?
कोर्ट हियरिंग के बाद, फॉलो करो!
