Unified Pension Scheme 2025: कर्मचारियों की पेंशन में नई गारंटी, स्टार्टअप्स को मिला जोर और मनरेगा पर सियासी तूफान
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हाल ही में कई ऐसे फैसले लिए हैं जो लाखों सरकारी कर्मचारियों, युवा उद्यमियों और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को सीधे प्रभावित कर रहे हैं। सबसे चर्चित है Unified Pension Scheme 2025, जिसमें अब तक 1.22 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों ने हिस्सा लिया है। इसके साथ ही टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को मजबूती देने वाली स्कीम और रेयर अर्थ मैग्नेट्स के घरेलू उत्पादन पर बड़ी योजना ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नई उम्मीद जगाई है।
लेकिन मनरेगा को बदलने वाले नए कानून पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। आइए इन सभी अहम अपडेट्स को विस्तार से समझते हैं कि ये आपके लिए क्या मायने रखते हैं। ये वो खबरें हैं जो इस हफ्ते सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रही हैं और आने वाले दिनों में लाखों लोगों की जिंदगी पर असर डालेंगी।
Unified Pension Scheme 2025: 1.22 लाख कर्मचारियों ने क्यों चुना नया विकल्प?
संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, 30 नवंबर 2025 तक कुल 1,22,123 केंद्रीय सरकारी कर्मचारी – नए जॉइन करने वाले, मौजूदा स्टाफ और रिटायर्ड लोग शामिल – Unified Pension Scheme 2025 में शिफ्ट हो चुके हैं। ये स्कीम अप्रैल 2025 से लागू हुई और इसमें कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम जैसी गारंटीड बेनिफिट्स मिलते हैं।
खास बात ये है कि सरकार ने UPS चुनने वालों को एक बार NPS में वापस लौटने की सुविधा भी दी है। मतलब, अगर कोई बाद में सोचे तो सर्विस के दौरान एक बार स्विच कर सकता है। लेकिन ये सुविधा कुछ शर्तों के साथ है, जैसे डिसमिसल या पेनल्टी के मामलों में नहीं मिलेगी।
Unified Pension Scheme 2025 की सबसे बड़ी खूबी है असर्ड पेंशन। 25 साल सर्विस पर रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन मिलेगा। 10 साल सर्विस पर भी कम से कम 10,000 रुपये महीना गारंटीड। फैमिली पेंशन में स्पाउस को 60 फीसदी मिलेगा।
कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे?
कुल NPS सब्सक्राइबर्स में से करीब 5 फीसदी ने अब तक UPS चुना है। डेडलाइन दो बार बढ़ाई गई – पहले जून से सितंबर और फिर नवंबर तक। कई कर्मचारी अभी भी सोच-विचार कर रहे हैं क्योंकि NPS में मार्केट रिटर्न की संभावना रहती है। लेकिन जो रिस्क नहीं लेना चाहते, उनके लिए Unified Pension Scheme 2025 सुरक्षित विकल्प साबित हो रहा है।
TIDE 2.0 Scheme: 1700 से ज्यादा स्टार्टअप्स को मिला नया जीवन
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि TIDE 2.0 स्कीम के तहत अब तक 1,706 स्टार्टअप्स को सपोर्ट मिल चुका है। ये स्कीम 2019 में शुरू हुई और इसका मकसद टेक्नोलॉजी बेस्ड उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
51 चुनिंदा इंक्यूबेटर्स के जरिए ये मदद दी जा रही है, जो देश के टॉप शिक्षण और रिसर्च संस्थानों में हैं। बजट 264 करोड़ रुपये का है और लक्ष्य 2000 स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने का। इनमें AI, IoT, ब्लॉकचेन जैसे इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पर फोकस है।
खास बात ये कि 150 से ज्यादा स्टार्टअप्स ग्लोबल मार्केट में जा चुके हैं। Unified Pension Scheme 2025 की तरह ये भी लंबी दौड़ की योजना है जो युवाओं को अपना बिजनेस शुरू करने की हिम्मत दे रही है।
7280 करोड़ की योजना: भारत बनेगा रेयर अर्थ मैग्नेट्स का बड़ा उत्पादक
भारी उद्योग मंत्रालय ने 7,280 करोड़ रुपये की स्कीम नोटिफाई की है जिससे देश में sintered rare earth permanent magnets का उत्पादन शुरू होगा। ये मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, विंड एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस में इस्तेमाल होते हैं।
अभी चीन 90 फीसदी ग्लोबल सप्लाई कंट्रोल करता है। भारत के पास रेयर अर्थ के बड़े रिजर्व हैं लेकिन मिडिल स्टेज प्रोसेसिंग की कमी थी। इस स्कीम से 6,000 MTPA कैपेसिटी बनेगी। पांच कंपनियों को चुना जाएगा और उन्हें सेल्स लिंक्ड इंसेंटिव के साथ कैपिटल सब्सिडी मिलेगी।
तीन टॉप बिडर्स को IREL से NdPr ऑक्साइड की सप्लाई भी मिलेगी। Unified Pension Scheme 2025 की तरह ये भी स्ट्रैटेजिक महत्व की है क्योंकि इससे EV और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में आयात कम होगा।
मनरेगा पर बवाल: सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर लगाया बड़ा आरोप
संसद ने VB-G RAM G बिल पास कर दिया जो मनरेगा की जगह लेगा। इसमें रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 करने का प्रावधान है लेकिन फंडिंग अब केंद्र और राज्य मिलकर करेंगे। विपक्ष का आरोप है कि गांधीजी का नाम हटाया गया और राज्यों पर बोझ डाला जा रहा है।
सोनिया गांधी ने वीडियो मैसेज में कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया। ये ग्रामीण गरीबों, किसानों और मजदूरों पर हमला है। कांग्रेस इसे काला कानून बता रही है और लड़ाई का ऐलान किया है।
सरकार का कहना है कि नई स्कीम ज्यादा बेहतर और विकसित भारत के विजन से जुड़ी है। लेकिन सियासी गलियारों में बहस तेज है।
इन फैसलों से क्या बदलेगा आम आदमी का जीवन?
- Unified Pension Scheme 2025 से सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय की गारंटी।
- स्टार्टअप्स को मिल रही मदद से नए जॉब्स और इनोवेशन।
- रेयर अर्थ स्कीम से EV सस्ते होंगे और आयात बिल कम।
- ग्रामीण रोजगार पर बहस से नीतियां और मजबूत हो सकती हैं।
कुल मिलाकर, ये अपडेट्स दिखाते हैं कि सरकार आत्मनिर्भरता और सोशल सिक्योरिटी पर फोकस कर रही है। लेकिन कुछ फैसलों पर सवाल भी उठ रहे हैं। Unified Pension Scheme 2025 जैसे कदम कर्मचारियों के लिए राहत हैं तो दूसरी तरफ सियासी विवाद भी गर्म है।
FAQs: Unified Pension Scheme 2025 और अन्य स्कीम्स से जुड़े सवाल
- Unified Pension Scheme 2025 में कितने कर्मचारियों ने चुना है?
30 नवंबर 2025 तक 1,22,123 कर्मचारियों ने UPS चुना है। - TIDE 2.0 स्कीम से कितने स्टार्टअप्स को फायदा हुआ?
1,706 स्टार्टअप्स को सपोर्ट मिला, लक्ष्य 2000 का है। - रेयर अर्थ मैग्नेट्स स्कीम का बजट कितना है?
7,280 करोड़ रुपये, 6,000 MTPA कैपेसिटी बनाने के लिए। - VB-G RAM G बिल में मनरेगा से क्या बदलाव है?
रोजगार 125 दिन, फंडिंग शेयर्ड और गांधीजी का नाम हटाया गया। - UPS में NPS से वापस स्विच कर सकते हैं?
हां, सर्विस के दौरान एक बार, कुछ शर्तों के साथ।
